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माँ आप हैं तो हम हैं

माँ आप हैं तो हम हैं घर और परिवार में अपने को भूल जाने वाली मीरा को समय पर खाना खाने की भी सुध न रहती, घरवाले भी अपने हर काम के लिए मीरा पर ही आश्रित हो चुके थे, कभी सर में दर्द हो या बुखार को चाय पीकर ठीक करने की कोशिश रहती मीरा की। पति, बेटे और परिवार की खुशियों के लिए तरह तरह के व्रत उपवास भी मीरा की दिनचर्या का हिस्सा होते। बिना रखरखाव के तो बड़ी से बड़ी मशीन भी जबाब दे जाती है, उम्र के साथ मीरा भी थकने लगी, जरा सा बुखार भी अब उसे परेशान करने लगा, करवा चौथ के लिए अपने और दोनों बहूओं के लिए साड़ी, मैचिंग की चूड़ियाँ हफ्ते भर पहले ही तैयार कर लिए, पर करवाचौथ के दो दिन पहले अचानक मीरा को आए बुखार ने परिवार को हिलाकर रक्ख दिया, डाक्टर ने भी मीरा जी की कमजोरी के कारण बुखार को गम्भीर कहकर भगवान् से प्रार्थना करने को कहा, मीरा जी की हालत से बेचैन सबकी चिन्ता बढ गई। आज चौथ पर पूरे परिवार ने मीरा जी के जल्दी ठीक हो जाने के लिए गणेश जी का व्रत किया और सबकी श्रद्धा आज परिवार के लिए फलदायी हुई, डाक्टर ने कहा आप सबकी प्रार्थना भगवान ने सुन ली, डाक्टर ने मीरा जी के पति से कहा अब आपकी पत्नी की हालत में सुधार है, उसी समय चन्द्रमा भी निकल आया, सभी ने चन्द्रमा को अर्घ्य दिया पूरे परिवार और मीरा जी की लम्बी उम्र की प्रार्थना की, जल चढाकर दोनों बेटों और बहूओं के साथ मीरा जी के पति भानुप्रताप जी मीरा जी के पास आकर खड़े हो गये तभी बडे़ बेटे ने कहा मम्मी पापा को आज आप पानी पिलाकर व्रत खोलने के लिए कहो, आज पापा ने आपकी लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रक्खा है, मीरा जी और भानुप्रताप जी की आंखों में खुशी के आंसू थे, हैरान मीरा जी ने भानुप्रताप जी से कहा आपने दिनभर मेरी उम्र के लिए कुछ भी नहीं खाया पिया और व्रत रक्खा, आप को कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता, तभी भानुप्रताप जी ने कहा कभी सोचा है तुमको कुछ हो जाएगा तो मेरा, तुम्हारे बच्चों और घर का क्या होगा, सब तिनकों की तरह बिखर जाएगा, तुम हो तो हम हैं, पास में खड़े बेटों और बहूओं ने भी एक साथ कहा पापा जी ठीक कह रहे हैं, माँ आप ही इस घर को और हमें संभाल सकतीं हैं, आपका स्वस्थ रहना हम सब के लिए बहुत जरूरी है, बच्चों की बात सुनकर मीरा जी की आंखों में आंसू आ गए, तब बड़ी बहू बोली माँ आप आंखें नम करने की जगह मुस्कुरा दीजिये, माँ आपकी मुस्कुराहट हमारे लिए अनमोल है, तब भानुप्रताप जी बोले मीरा तुम तो अब ठीक लग रही हो, अब मुझे तो भूख लग रही है, थोड़ा सा तुम भी खा लो, मीरा जी बोली आप सबने मेरे लिए व्रत रक्खा आप सबकी भक्ति ने मुझे बचा लिया आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद, मीरा जी की बात सुनकर छोटी बहू बोली माँ हमने तो आपके लिए कुछ भी नहीं किया फिर भी आप धन्यवाद कह रही हैं, आपका शुक्रिया कहने के लिए तो यह जन्म छोटा पड़ जाएगा।

जया शर्मा प्रियंवदा

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1 Comments

Mohammed urooj khan

11-Nov-2023 11:23 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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